नारनौल, 30 सितम्बर (हरियाणा न्यूज़ ब्यूरो)
वर्ष 2014 के चुनाव में महेंद्रगढ़ जिले की चारों और वर्ष 2019 के चुनाव में तीन सीट जीतकर अहीरवाल में मजबूत हुई भाजपा इस बार के चुनाव में पूरी तरह हांफ रही है| भाजपा ने इस बार नांगल चौधरी से फिर डॉ अभय सिंह यादव को तीसरी बार मौका दिया है, लेकिन चुनाव से पूर्व भाजपा की सबसे सुरक्षित मानी जा रही यह सीट जातीय ध्रुवीकरण और भाजपा की गुटबाजी के कारण भाजपा के हाथ से निकलती लग रही है, हालांकि प्रत्याशी ने जीत के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है| गृहमंत्री अमित शाह की रैली भी करवाई है| किन्तु जातीय समीकरण भाजपा के खिलाफ़ हैं| इसके अलावा भाजपा सांसद धर्मवीर सिंह, केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह और रामबिलास शर्मा नांगल चौधरी के चुनाव अभियान से दूरी बनाए हुए हैं| भाजपा का कोर वोटर माना जाने वाला ब्राह्मण समाज भी इस बार भाजपा से खुश नहीं है और कांग्रेस प्रत्याशी को मीटिंग करके समर्थन दे चुका है|
नारनौल में भी भाजपा ने ओमप्रकाश ADO को ही तीसरा मौका दिया है| टिकट वितरण के साथ ही भाजपा में बगावत हो गई और पूर्व जिला अध्यक्ष शिवकुमार मेहता और प्रदेश प्रवक्ता सत्यव्रत शास्त्री ने पार्टी छोड़ दी, वहीँ पूर्व नगरपरिषद चेयरपर्सन भारती सैनी बागी होकर मैदान में उतर गई, जिसे बाद में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने मनाकर बैठा तो दिया, किन्तु वे कहीं सक्रीय नज़र नहीं आ रही| लेकिन पिछली बार दूसरे स्थान पर रही कमलेश सैनी अब भाजपा में हैं और नगर परिषद् की चेयरपर्सन हैं| नायब सैनी को भाजपा नेतृत्व द्वारा अगला मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट किये जाने से सैनी भाजपा के साथ ही रह सकते हैं| लिहाजा बगावत के बावजूद यहाँ भाजपा मजबूत नज़र आ रही है| क्योंकि कांग्रेस ने भी तीसरी बार नरेन्द्र सिंह को ही टिकट दे दिया, जो 2014 में जमानत जब्त करवाने और 2019 में तीसरे स्थान पर रहने के बाद हलका बदल कर अटेली जा चुके थे| नरेन्द्र सिंह के कांग्रेस उम्मीदवार बनने से कांग्रेस के उन नेताओं में भारी नाराजगी है जो यहाँ काम कर रहे थे और टिकट के दावेदार थे| भले ही कांग्रेस में भाजपा की तरह नेताओं ने बगावत नहीं की, किन्तु कार्यकर्ताओं में भारी रोष है और नरेन्द्र सिंह को यहाँ भारी भितरघात का समाना करना पड़ सकता है|
महेंद्रगढ़ में भाजपा ने इस बार रामबिलास शर्मा का टिकट काटकर नया चेहरा कंवरसिंह यादव को मैदान में उतारा है| जबकि कांग्रेस ने फिर राव दानसिंह को ही टिकट दिया है| पूर्व एचसीएस संदीप सिंह इस बार भी निर्दलीय मैदान में हैं| यहाँ भी भाजपा की गुटबाजी, ब्राह्मणों की नाराजगी, सत्ता विरोधी लहर के चलते भाजपा कमजोर लग रही है| सतनाली बेल्ट में किसान आन्दोलन का भी प्रभाव है और कांग्रेस सत्ता में आ रही है यह प्रचार कांग्रेस को मजबूती दे रहा है|
अटेली में भाजपा ने केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह की बेटी आरती सिंह को उम्मीदवार बनाया है| कांग्रेस की अनीता यादव के अलावा बसपा के ठाकुर अतरलाल उन्हें कड़ी टक्कर दे रहे हैं| इस सीट से आरती के दादा राव बिरेन्द्र सिंह सतर-अस्सी के दशक में दो बार जीते थे, किन्तु उनके चाचा राव अजीत सिंह और चचेरा भाई अर्जुन सिंह यहाँ से तीन चुनाव हार चुके हैं| इस बार भी भाजपा की राह यहाँ आसन नहीं है| एक तो राव इन्द्रजीत का विरोधी गुट विरोध पर उतरा हुआ है, दूसरे अहीर वोटों के विभाजन और ठाकुर वोट नेताजी अतरलाल के साथ एकजुट होने का खामयाजा भाजपा को भुगतना पड़ सकता है| हालत यह है कि खुद दूसरों के लिए प्रचार करने वाले इन्द्रजीत सिंह को न केवल योगी आदित्यनाथ की रैली करवानी पड़ गई, बल्कि वे गाँव-गाँव गली-गली घूम रहे हैं| आज के दिन यहाँ तिकोना और बहुत काँटे का मुकाबला है और कोई भी जीत सकता है|